सेज सजी मखमल की फिर भी नींद नहीं है आती,
थाल सजी छत्तीस ब्यंजन पर भूख नहीं ला पाती।
आह निकलती निर्धन की,
उस ब्यंजन से उस बिस्तर पर,
भूख लगे कैसे धनिकों को,
नींद लगे फिर मखमल पर,
महलों में ना चैन किसी को,
ना सुकून मिलता है,
देख सको तो देख लो,
निर्धन के घर रब बसता है,
दर-दर भटका मंदिर,मस्जिद,निर्धन नहीं सुहाती,
थाल सजी छत्तीस ब्यंजन फिर भूख नहीं ला पाती।
अहंकार भगवान ना देखा,
धनवानों से दूर हैं रब,
सोने,चांदी,महल,अटारी,
ना बैभव में मिलता रब,
कण-कण में हर जीव में रब है,किसे नजर है आती,
थाल सजी छत्तीस ब्यंजन फिर भूख नहीं ला पाती।
सेवरी के घर राम मिलेंगे,
विदुर के घर में श्याम,
रूखी-सुखी भोग,प्रेम से,
खुश रहते भगवान्,
मगर बनाते मंदिर मस्जिद,
बैभव,आलिशान,
रोज उजड़ता चमन किसी का,
रोता है इंसान,
बेघर दर-दर भटक रहा जब अश्क नजर ना आती,
थाल सजी छत्तीस ब्यंजन फिर भूख नहीं ला पाती।
दर-दर भटक रहे हो क्यों,
भूखे की भूख मिटाकर देखो,
जाति, धर्म और धन के अंधे,
किसी का चमन बसाकर देखो,
उनकी आंखों में फिर तुमको,
तेरा रब दिख जाएगा,
मंदिर,मस्जिद से बढ़कर के,
तुमको सुख मिल जाएगा,
बिन करुणा हम इंसानो को सुख कहां मिल पाती,
थाल सजी छत्तीस ब्यंजन फिर भूख नहीं ला पाती।
“धनिक मतलब वैसे इंसान जिनके नजर में गरीबों की कोई अहमियत नही।”
!!! मधुसूदन !!!
बहुत खूब लिखा है। मुझे पढकर बहुत ही अच्छा लगा।
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dhanyawaad apkaa.. apne pasand kiya aur sarahaa.
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nice piece of writing, enjoyed reading it.
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thanks for your appreciation..
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Beautiful post !! Thanks for reminding to all with how difficulty we earn food!! Should respect and shouldn’t waste it! All are not lucky to get food of your choice
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great thought written by you….thanks for your appreciation…
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Too good
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Thanks for appreciation….
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Pleasure
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कण-कण में हर जीव में रब है,किसे नजर है आती,
थाल सजी छत्तीस ब्यंजन फिर भूख नहीं ला पाती।
भाई वाह!
आज वर्डप्रेस पे टहलना सफल रहा, जोरदार!!!
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सुक्रिया अभय जी—प्रोत्साहन भरे शब्दों के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।
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शुक्रिया कि अपने उत्कृष्ट रचना साझा किया
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सोने,चांदी,महल,अटारी,
ना बैभव में मिलता रब……..बेहद भावपूर्ण……
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Sukriya apne pasand kiya..
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बहुत ही सुंदर रचना है।
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Taarif ke liye bahut bahut dhanyawaad…
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सदैव की तरह आपका स्वागत है दा।
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अमीरी गरीबी का खूबसूरत वर्णन किया है …..बहुत खूब
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धन्यवाद आपका अपने पसंद किया और सराहा।
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अहाहा हा
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आपके दिल को छुआ —-लिखना सार्थक हुआ।धन्यवाद आपका।
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मार्मिक रचना..
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धन्यवाद आपका आपको पसंद आया साथ ही स्वागत आपका।
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