कारागृह में जन्म लिया, उसकी मैं कथा सुनाता हूँ,
कृष्ण,कन्हैया,गोवर्धन भगवान की कथा सुनाता हूँ।
सात-सात थे दरवाजे,
जिनपर थे ताले जड़े हुए,
एक से बढ़कर एक जहाँ पर,
पहरेदार थे खड़े हुए,
ऐसे कारागार में बन्दी,
मात-पिता जंजीरों में,
कैसा वह इंसान गर्भ में,
क्या लिखा तकदीरों में,
दुश्मन कैसा मथुरा का वह,
शक्तिशाली राजा था,
क्रूर,घमंडी,कंस नाम था,
उस बच्चे का मामा था,
जन्म से पहले दुश्मन राजा,उसका हाल सुनाता हूँ,
कारागृह में जन्मा उस भगवान की कथा सुनाता हूँ।
भादो मास दिन अष्टमी,
अर्धरात्रि अवतरण लिया,
रात अंधेरी,मेघ गरजते,
जैसे काल ने जन्म लिया,
पहरेदार को नींद लगी थी,
ताले अपने आप खुली थी,
चक्र,शुदर्शन,गदा,पद्म संग,
अद्भुत कारागार बनी थी,
हर्षित थे माँ-बाप थे पुलकित,
मुक्त खड़े जंजीरों से,
पल में संसय जाग उठी पर,
राजा कंस के वीरो से,
माथे फिर ईश्वर को लेकर,
पल में एक इंसान चला,
मथुरा से गोकुल की यात्रा,
संग करने संसार चला,
यमुना का विकराल रूप,
कदमों को छूकर सिमट गया,
वासुदेव का तेज कदम,
पलभर में गोकुल पहुँच गया,
मात यशोदा कर रख शिशु को,
चलता एक हर्षित इंसान,
साथ रोहिणी नाम बालिका,
लेकर चलता एक अनजान,
अपने आप बंधी जंजीरें,
बंद हुए दरवाजे,ताले,
बालक की क्रंदन सुनकर के,
चौकस हो गए सब रखवाले,
शोर मची मथुरा नगरी, गोकुल का जश्न सुनाता हूँ,
कारागृह में जन्मा उस भगवान की कथा सुनाता हूँ।
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!!! मधुसूदन !!!
बेहद बेहद सुंदर. मुझे यह कविता बड़ी पसंद आई.
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जानकर अच्छा लगा आपको ये कविता पसंद आई—सुक्रिया।
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मनमोहक रचना…..मुझे भी कृष्ण की गाथा बहुत पसंद आई।
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आपको भी बहुत बहुत धन्यवाद —कविता पसंद करने और सराहने के लिए।
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जय श्री कृष्णा !
बहुत सुंदर कथा प्रारंभ की है अपने
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हां जी—एकाएक दिमाग मे आया फिर कविता बन गयी।सुक्रिया आपका।वैसे ईश्वर के बारे में कुछ भी लिखना कम है।
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आपने!*
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बहुत सुंदर रचना.
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धन्यवाद आपका आपने पसंद किया।
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मुझसे कही ज्यादा अनमोल आप की रचना है
साधुवाद
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बहुत ही खूबसूरत रचना है आपकी। आपकी लेखनी हर क्षेत्र में वर्णन करने में माहिर है।
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हौसला बढ़ाने के लिए शुक्रिया आपका।
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बहुत खूब सर जी
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धन्यवाद आपका।
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Kya baat ji!
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जिसकी बहन कारागार में वो भाई कैसा—-पसंद करने के लिए धन्यवाद आपका।
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Ye to ya yoon kahen mythological stories sochne ka vishay hoti hain. Aap jaisa chahe arth nikal sakte hain.
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Bilkul sahi kahaa apne…
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शब्द नहीं हैं मेरे पास 🙏पढ़ते पढ़ते आँसू रोके ना रुक रहे हैं । 🙏बारंबार साधुवाद .. जल्द ही दूसरा अध्याय लिखें और मुझे plz tag करें ।
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आपके प्रशंसाभरी शब्दों ने हमारा लिखना सार्थक कर दिया।धन्यवाद आपका।
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🙏dhanya toh main yeh kriti padhkar ho gai
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https://madhureo.com/kaaragrih-part-2/
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