Sawan Bahna ka

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रंग-बिरंगी खुशियां सारी,सिमटी है इस माह में|
भैया तेरी बहना बैठी है इंतेज़ार में।
बोला था आएंगे अबकी,राखी के त्योहार में,
भैया तेरी बहना बैठी है इंतेज़ार में।2

कहने को ये कच्चे धागे,
धागे में संसार,
बहना का सिमटा है इसमें,
भैया सारा प्यार,
झूठा है ये बादल काला,
बिन बरसे ही जाएगा,
मगर हमारा भैया राखी,
बंधवाने को आएगा,
कहीं उलझ ना जाना भैया,भाभी के मुश्कान में,
भैया तेरी बहना बैठी है इंतेज़ार में।२

साल में आता सावन,
सावन में एक दिन है बहना का,
जिन बहनों के भाई हैं,
उससे बढ़कर फिर गहना क्या,
मगर फ़िक्र बच्चे,पत्नी का,
भाई बहन से दूर हुआ,
सरहद कोई शहर में बेबस,
कोई गांव से दूर हुआ,
मगर छोड़ आ उलझन सारी,राखी के त्यौहार में,
भैया तेरी बहना बैठी है इंतेज़ार में।२

प्रेम है कैसा भाई-बहन का,
बहना जिसकी वो जाने,
कीमत कितनी सावन का है,
भाई जिसका वो जाने,
भाई की मज़बूरी सारी,
बहना खूब समझती है,
भैया-भाभी खुश रहे संग,
राखी बाँधकर कहती है,
अगर दूर भाई-बहना से,
राखी वह भिजवाती है,
अपनी सारी दुआ,प्रेम,
उन धागों में भिजवाती है,
अगर किसी कारण से राखी,
भाई तक ना आता है,
नाम बहन की राखी लेकर,
भाई रस्म निभाता है,
बहनों की खुशियों में खुशियाँ,भाई का संसार मे,
भैया तेरी बहना बैठी है इंतेज़ार में,
रंग-बिरंगी खुशियां सारी,सिमटी है इस माह में,
भैया तेरी बहना बैठी है इंतेज़ार में|२

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!!! मधुसूदन !!!

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