Image Credit :Google
भय प्रगट कृपाला दीनदयाला कौसल्या हितकारी।
हरषित महतारी मुनि मन हारी अद्भुत रूप बिचारी।
लोचन अभिरामा तनु घनश्याम निज आयुध भुज चारी।
भूषन बनमाला नयम बिसाला सोभासिंधु खरारी।।
कह दुइ कर जोरी अस्तुति तोरी केहि बिधि करौं अनंता।
माया गुन गयानतीत अमाना बेद पुरान भनंता।।
करुना सुख सागर सब गुन आगर जेहि गावहिं श्रुति संता।
सो मम हित लागी जन अनुरागी भयउ प्रगट श्रीकंता।। ब्रह्मांड निकाया निर्मित माया रोम रों प्रति बेद कहै।
मम उर सो बासी यह उपहासी सुनत धीर मति थिर न रहै।।
उपजा जब ग्याना प्रभु मुसुकाना चरित बहुत बिधि कीन्ह चहै।
कहि कथा सुहाई मातु बुझाई जेहि प्रकार सुत प्रेम लहै।। माता पुनि बोली सो मति डोली तजहु तात यह रूपा।
कीजै सिसुलीला अति प्रियशीला यह सुख परम अनूपा।।
सुनि बचन सुजाना रोदन ठाना होइ बालक सुरभूपा।
यह चरित जे गावहिं हरि पद पावहिं ते न परहिं भवकूपा।।
**परम् पूजनीय तुलसीकृत रामायण से**
Ram Navami wishes to you and all readers
LikeLiked by 2 people
Aapko bhi Happy Ram Navmi.
LikeLiked by 1 person
Jai Shri Ram
LikeLiked by 1 person
Jai Shri Ram.
LikeLike
Jai shree ram.
LikeLiked by 1 person
Jai Shri Ram.
LikeLiked by 1 person
Jai shree Ram
LikeLiked by 1 person
Jai Shri Ram.
LikeLike
Nice
LikeLiked by 1 person
Thank you very much.
LikeLike
Jai Sri Ram
LikeLiked by 1 person
Jai Shri Ram.🙏🙏🙏
LikeLike