Image Credit : Mazeepuran.wordpress.com</Rupali ji
तूँ खिली है तो जी भर के हँस ले अभी,
क्या पता कब नजर किसकी पड़ जायेगी,
देख मैं भी कभी मुस्कुराता खड़ा,
तूँ भी मेरी तरह ही बिखर जायेगी,
इस ज़माने में जो खूबसूरत,हँसी,
उसके दुश्मन की कोई नहीं है कमीं,
जी ले जीभर के जो पल तेरे पास है,
क्या पता कब नजर किसकी पड़ जायेगी,
तूँ खिली है तो जी भर के हँस ले अभी,
क्या पता कब ये जीवन बिखर जायेगी,
!!! मधुसूदन !!!
toon khilee hai to jee bhar ke hans le abhee,
kya pata kab najar kisakee pad jaayegee,
dekh main bhee kabhee muskuraata khada,
toon bhee meree tarah hee bikhar jaayegee,
is zamaane mein jo khoobasoorat,hansee,
usake dushman kee koee nahin hai kameen,
jee le jeebhar ke jo pal tere paas hai,
kya pata kab najar kisakee pad jaayegee,
toon khilee hai to jee bhar ke hans le abhee,
kya pata kab ye jeevan bikhar jaayegee.
!!!Madhusudan!!!
बहुत सुंदर लेखनी
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सुक्रिया मित्र जीवन इस कली की तरह ही है।
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very Romantic poetry
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सुक्रिया आपका।जिंदगी जिंदादिली का नाम है।हर पल को रोमांटिक और बिंदास बना कर रखना चाहिए क्या पता ये पल कल रहे ना रहे।
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वाह वाह !! क्या खूब लिखा …
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सुक्रिया आपका पसन्द करने और सराहने के लिए।
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Je hui na baat! Waah!
Ab apko likhne ke liye mein naye naye vishay diya karoongi.
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Tasweer sab kuch byaan karte hain ugte huye paudhe shrijan ka sukhe huye Katey paudhe binnaash ka byaan kar rahe hain….En dono ke beech hi jindgi hai…..Sukriya apka achchhe click ke liye.
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सुंदर लिखा बहुत और तस्वीर भी उतनी ही मनमोहक है ।
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सुक्रिया आपका वैसे ये तस्वीर रुपाली जी द्वारा लिया गया है ।वे बहुत अच्छा फोटोग्राफर हैं ।माकन तस्वीर देखकर ही पंक्तियाँ लिखी है।सुक्रिया आपने पसंद किया और सराहा।
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बहुत सुंदर । आप तो यूँ ही इतना सुंदर लिखते हैं ऊपर से यह तस्वीर सोने पर सुहागा हो चली
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क्या बात।आपके सराजना भरे शब्दों ने हमें नई ऊर्जा दी है।आभार आपका।
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मैं झूठी सराहना में विश्वास नहीं रखती । जितनी मेरी सोच उतनी मेरी समझ । जितना समझ आजाये उतना वक़्त बेवक़ूफ़ पढ़ लेती हूँ और जो उसी के अनुसरण में कह देती हूँ ।
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कवितायेँ अच्छी है या नहीं ये तो पढ़नेवाले ही जानते हैं| आपने बेसकीमती समय निकालकर मेरी कविता को पढ़ा और हौसला बढ़ाया उसके लिए बहुत बहुत सुक्रिया| वैसे हम हों या आप जब कोई प्रशंसा करता है तो लिखने की प्रेरणा मिलती है | जीवन है सदैव सिखाते रहती है|
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नहीं ऐसा नहीं है । मैं चाहूँ तो ग़लतियाँ अपने इस जवाब से ही निकाल सकती हूँ जनाब मैं सरोता नहीं
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हमारे समझ से एक वक्ता या लेखक सदैव श्रोता या पाठक रहता है जैसा कि मैं भी हूँ।आपकी और सभी लेखक दोस्तों की कविताये सदैव समय निकालकर पढ़ते रहता हूँ।जिससे कुछ न कुछ सिख लेता हूँ।इस लिहाज से हम भी श्रोता हुए।और सराहना तो ऊर्जा सदैव देती है।आपकी उपस्थिति और कई ऐसे साथी लेखक हैं जिनका हमें सदैव इन्तेजार रहता है ठीक वैसे ही जैसे अपनों का।
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बिलकुल सही मधूजी यह इंतज़ार किस लेखक को नहीं रहता ।
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Bahut hi achha sir… Sachmuch kali ki vyatatha 😊
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Sukriya bhayee aapne pasand kiya Aur saraha.
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