Image Credit : Google जिंदगी तूँ कौन है मैं कौन हूँ बतला मुझे, है कहाँ मेरा ठिकाना ये जरा समझा मुझे। जब से पाया पाँव मैं चलता रहा बढ़ता रहा, विघ्न कितने रास्तों में आए मैं लड़ता रहा, मिल गयी मंजिल मगर फिर क्यों उदासी साथ में, जश्न छाया चंद पल फिर क्यों वीरानी पास … Continue reading JINDGI TUN KAUN MAIN KAUN HUN
Category: Jiwan Darpan
Sandesh Phulon ka
Image Credit :Google तुम भी खिलो,हम भी खिलेंगे, खुशबू अलग फिर भी, हम संग हँसेंगे, लड़ना है काम इंसान का, हम खुशबू भरेंगे। चम्पा चमेली,कुमुद,गुलबहार, काँटों की सेज पर हँसता गुलाब, रोना तो काम इंसान का, हम खुशबू भरेंगे, सदियों से तूँ लड़ रहा नासमझ, सृष्टि को ऐ मानव तूँ समझ, जीवन सभी को हँसाने … Continue reading Sandesh Phulon ka
MUSKAAN/मुस्कान
Image Credit : Google. है जीवन अपना दो दिन का हँस ले इसमें है रोना क्या, कुछ लेकर आये ना जग में फिर खोना क्या, क्या लेकर आये थे फिर यारा रोना क्या। संग बचपन था कल चला गया, यौवन भी छोड़ के जाएगा, जो हँसकर आये पास मेरे, एक दिन वह रूठ के जाएगा,, … Continue reading MUSKAAN/मुस्कान
Karm aur bhagya
एक लेकर आया जग में चम्मच सोने का, दूजा टीन का, एक बन बैठा था शहंशाह के जैसे जग में, दूजा हीन सा।। एक निसदिन इंच खिसकते,अहम में चूर थे, दूजा कर्मपथ पर,हर पल ही मशगुल थे, कर दी उसने सत्यानाश,उँच बड़ेरी खोखड़ बाँस, मगर ज्ञान ना आई लग गई,पाँव में बेड़ी,गर्दन फाँस, वे ज्ञान … Continue reading Karm aur bhagya
Sachchayee/सच्चाई
कभी था जश्न का मंजर,ये खँडहर बोल देते हैं, हमारी क्या यहाँ हस्ती है,लाशें बोल देते हैं, मगर जबतक जवानी का नशा मगरूर हम सारे, किसे पा लें किसे छोड़े,हैं शामिल होड़ में सारे, सभी मतलब के साथी फिर भी रिश्ते जोड़ लेते हैं, हमारी क्या यहाँ हस्ती है,लाशें बोल देते हैं।। अगर हो प्रेम … Continue reading Sachchayee/सच्चाई
Safar Jindagi ka
Image credit: Google मुशाफिर मैं समंदर का,समंदर मेरी जान है, लहरों से टकराकर ही बनी,मेरी ये पहचान है, लड़ना ही है जन्दगी,नहीं डरता मिट जाने से, पर बिबस,ठिठकता हूँ बीच समंदर जाने से। वो दूर चिढ़ाता है तूफान,तट पर मैं मौन खड़ा हूँ, अपनी मजबूरी की चादर में खुद ही सिमट रहा हूँ, क्या कहें … Continue reading Safar Jindagi ka
Lekhni/लेखनी
Image credit: Google मैं कैसा मैं खुद को जानूं, कलम हमारी धार, दिल में जो भी आता सारे, लिख देते जज्बात, उलटे,पुल्टे शब्द पकाते, तुमको मैं क्या जानूं, या कुछ सीख दिला जाते, क्यूँ इसके पीछे भागूँ, पुत्र बिना जस सुना आँचल, फूल बिना जस गुलशन, शब्दों से जबतक ना खेलूँ, सुना मैं, मन, लेखन … Continue reading Lekhni/लेखनी