इनमें हर जाति और धर्मों के बच्चे एक साथ प्रेम से खेल रहे हैं। झगड़े इनमें भी होते हैं मगर दंगे नही क्योंकि इन्हें अपनी पहचान नहीं मालूम। काश हमें भी इतना ज्ञान न होता। !!! मधुसूदन!!! inamen har jaati aur dharmon ke bachche ek saath prem se khel rahe hain. jhagade inamen bhee hote … Continue reading Quote..26
Category: Quotes
Quote..25
एक समय था जब, मुश्कुराने पर भी, गम जान जाते थे, सूखे होठ भी, गुलाब बन जाते थे, तपती धरा सी, प्यासी थी जिंदगी, सावन के जैसे, फुहार बन आते थे, खता क्या हुई रब, कहाँ खो गए अब, झूठा ही सही हम, मुश्कुरा भी नहीं पाते है।। !!!मधुसदन!!! ek samay tha jab, mushkuraane par … Continue reading Quote..25
Quote..24
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Quote..23
Dahej/दहेज
दहेज हमारे समाज का एक ऐसा कोढ़, जिसका दंश नारियाँ, बहु रूप में सारी जिंदगी झेलती है बावजूद दहेज की लोभी ज्यादातर नारियाँ ही होती हैं, शायद तभी ससुर-पुतोहु, देवर-भाभी की जंग न के बराबर तथा सास-बहू,ननद-भौजाई की जंग अक्सर सुनने को मिल जाता है, जागो नारियों,बस करो, खुद से खुद पर अत्याचार बंद करो। … Continue reading Dahej/दहेज
Quotes..22
सीधी जंग सम्भव है शेर से भी जीत लें, मगर मुश्कुराहट तले खंजर रखनेवालों से, हार निश्चित है, यूँ मुश्कुराकर ना देख डर लगता है, कहीं मेरी मुश्कुराहट ना खो जाये।। !!!मधुसदन!!!
Quote..21
हम अपने बेशकीमती जीवन का एक-एक पल अपनों को खुश करने में लगा देते हैं फिर भी शिकायत सबकी शेष रह जाती है, और उनको हमसे सबसे ज्यादा शिकायत होती है जिनके लिए हमने सबसे ज्यादा दौड़ लगाई।। !!!मधुसूदन!!! Follow my writings on https://www.yourquote.in/madhusudan_aepl #yourquote