Category: Maa-Baap

मेरी माँ

मेरी माँ

दूर चाँद को हमें दिखाती,उनको मामा हमें बताती,गोद बिठाकर बड़े प्यार से बहलाती थी मोरी माँ,भरी कटोरी दूध-भात की याद अभी भी लोरी माँ।याद हमें जब रूठ गया मैं,कैसे हमें मनाई थी,चाँद हमें जब नजर ना आए,कैसी कथा बनाई थी,मैं तुम में तब डूब गया था,चाँद को उस पल भूल गया था,भूल गया जिद याद … Continue reading मेरी माँ

Maa/माँ

Maa/माँ

Image Credit : Google जिसका अपना अरमान नहीं, क्या कष्ट उसे कुछ भान नहीं, जिसके दिल केवल प्रेम भरे, आँखों से केवल स्नेह बहे, उर में अमृत का सागर हो, वात्सल्य भरा महासागर हो, कोई और नहीं वह माँ ही है, कल जैसी थी वैसा ही है, ऐसी ममता कहीं और नहीं, माँ से बढ़कर … Continue reading Maa/माँ

Jivan ki daud/जीवन की दौड़

Jivan ki daud/जीवन की दौड़

Images Credit :Google जीवन की नौका ये हौले-हौले चलती जाए रे, सागर सी दुनियाँ की लहरों से ये लड़ती जाए रे, जीवन की नौका ये हौले-हौले चलती जाए रे।। बालपना में समझ सके ना क्या है दुनियाँदारी, छोटी ताल,तलैया जैसी अपनी दुनियाँ सारी, आँख खुली तो देखा एक पगली सी संग में रहती है, खुद … Continue reading Jivan ki daud/जीवन की दौड़

MAA/माँ

MAA/माँ

Image Credit: Google अल्लाह,ईश्वर मिले कभी ना देखे हम भगवान्, बीत गयी सदियाँ फिर भी हम अबतक हैं अनजान, माँ को देखा तो देख लिया भगवान्, माँ के आँचल में पाया चैन,आराम, माँ को देखा तो। पता चला मैं कोख में आया जिह्वा अपनी दाग लिया, मेरी खुशियों की खातिर, अपनी खुशियाँ परित्याग किया, सुंदर … Continue reading MAA/माँ

Maa-Beti/माँ-बेटी

Maa-Beti/माँ-बेटी

Image credit: Google लल्ली मेरी रखना कदम धीरे धीरे, दुनियाँ में चलना ललन धीरे धीरे, लल्ली मेरी रखना कदम धीरे धीरे।।1 कांटे हजारों बिखरे पड़े हैं, तेरे कदम जिन डगर में चले हैं, ममता की आशा ना करना किसी से, लल्ला मेरी रखना कदम धीरे धीरे।।2 बच के चलो फिर भी बचना है मुश्किल, गिर … Continue reading Maa-Beti/माँ-बेटी

Baap

Baap

माँ का कोई मोल नही, अनमोल है प्रेम,ममत्व, बाप की कीमत वो क्या जाने, जिसकी बुद्धि भ्रष्ट, मोम के जैसा दिल है जिसका, कौन है ऐसा शख्स, ठोकर से हर बार बचाने को रहता है सख्त, नजर उठाकर देखा जग में, सबका अपना कष्ट, पुत्र खुशी की खातिर बस एक, बाप को देखा मस्त, अपनी … Continue reading Baap

Maa ka Pyaar

Maa ka Pyaar

आज इंसान अपनों से कोसों दूर रोजी-रोटी की जुगाड़ में चला जा रहा है,जहाँ अपने माँ बाप को चाहकर भी नहीं रख पाता। माँ-बाप को भी अपना गांव छोड़ा नहीं जाता।अचानक वह इंसान अपनी माँ की मृत्यु की खबर सुन तड़पने लगता है। अब आगे उसी की जुबानी------- कितने थे अंजान प्रेम से,आज ये हमने … Continue reading Maa ka Pyaar